आरोपी तथ्य पटेल ने क्या कबूला ? देखे



Iskcon bridge road accident latest update : अहमदाबाद में सड़क हादसे पूरा गुजरात दहल गया है उसके जुड़े मामले हर घंटे नयी नयी अपडेट आ रही. हम आपके लिए तथ्य पटेल ने Accident बाद क्या कबूला उसका Video लेकर आये है




आरोपी ने यह बात स्वीकारी कि मेरी गाड़ी 120 की स्पीड में थी, मुझे कुछ दिखाई नहीं दिया, नहीं तो मैं ब्रेक लगा देता। आरोपी तथ्य पटेल के एक और वायरल वीडियो में वह लोगों के सवालों का जवाब दे रहा है

शहर के सरखेज राजमार्ग पर Iskon Bridge पर Jaguar car चला रहे तथ्य पटेल ने अकस्मात् देख रही भीड़ पर कार चढ़ा दी, जिससे 9 लोगों की मौत हो गई। इस घटना के बाद वहां खड़े लोगों ने तथ्य पटेल को वहा खड़े लोगो ने मारा था. तथ्य को मार रहे लोगो का वीडियो भी वाइरल हो रहा है.

इसके बाद एक और वीडियो सामने आया है. जिसमें वह पुलिस वैन के पास बैठे नजर आ रहे हैं. लोग उनसे पूछ रहे हैं कि सच बताओ गाडी स्पीड में थी की नहीं. तब तथ्य ने जवाब देते समय इस बात को स्वीकार करते हैं हुए कहा की हां मेरी कार 120 की स्पीड में थी. उन्होंने कहा, " अरे भाई मुझे कुछ दिखाई नहीं दिया वरना में कार की ब्रेक मार देता" अब पता चला है कि इस वीडियो को लेकर पुलिस जांच भी शुरू हो गई है. एक्सीडेंट की घटना के बाद तथ्य पटेल पुलिस स्टेशन में आया था. लेकिन उनके चेहरे पे 9 लोगों को कुचलने का  अफसोस हमे नहीं दिख रहा था.



तथ्य पटेल का लाइसेंस रद्द कर दिया जा सकता है 

इस मामले में अब RTO भी एक्शन मोड में आ गया है. 9 लोगों को कुचलने वाले आरोपी तथ्य पटेल का लाइसेंस रद्द होगा. इसके अलावा जो नाबालिग Thar Car चला रहा था जिसका Accident हुआ था उसके पास भी लाइसेंस नहीं था. अब लाइसेंस को लेकर RTO भी कार्रवाई करेगा। फिलहाल, राज्य पुलिस प्रमुख विकास सहाय ने अहमदाबाद के शाहीबाग पुलिस आयुक्त कार्यालय में इस तथ्य पटेल की पूछताछ की है. पुलिस सूत्र बता रहे हैं कि तथ्य पटेल ने कई बातें कबूल की हैं. तथ्य पटेल से राज्य पुलिस प्रमुख ने बंद कमरे में पूछताछ की है। वहीं तथ्य पटेल समेत छह आरोपियों को पुलिस थाने ले आई. दोनों पिता-पुत्र को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा.

पिता-पुत्र दोनों ने बिना पछतावे के सरकारी खाना खाया

आरोपी तथ्य पटेल दिखावा करने के लिए लड़कियों और दोस्तों को अपने साथ ले जाता था और उस पर हजारों रुपये खर्च करता था। सिंधुभवन हो या आस-पास के कैफे, वह वहां जाकर रुपयों का धुआं उड़ाता था। वह एक कॉफी के लिए 500 से 700 रुपये चुकाते थे. वह अपने साथ आने वाले सभी लोगों का खर्च वहन करता था। शाम को सरकारी व्यवस्था के अनुसार पिता-पुत्र को कागज के बर्तन में खाना दिया गया. 

वहीं, मौत के बाद जब मृतक के परिजनों के घर में चूल्हा नहीं जला, तो या इस नबीरा पिता-पुत्र को थाने में सरकारी खाना दिया गया नियम के तहत और उन्होंने बिना अफ़सोस वो खाना खाया था.



Note :

किसी भी हेल्थ टिप्स को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले. क्योकि आपके शरीर के अनुसार क्या उचित है या कितना उचित है वो आपके डॉक्टर के अलावा कोई बेहतर नहीं जानता


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